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स्वदेश लौटने पर ओलंपिक पदक विजेताओं का भव्य स्वागत, खेल मंत्री श्री अनुराग ठाकुर ने किया सम्मानित

नई दिल्ली:- आज की शाम, राष्ट्रीय राजधानी की किसी अन्य शाम की तरह नहीं थी, क्योंकि आज हमारे ओलंपिक के सितारे टोक्यो में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के बाद स्वदेश वापस आये थे।

केंद्रीय युवा कार्य और खेल मंत्री श्री अनुराग ठाकुर ने आज अशोका होटल, नई दिल्ली में आयोजित एक समारोह में सात पदक विजेताओं – नीरज चोपड़ा, रवि कुमार दहिया, मीराबाई चानू, पीवी सिंधु, बजरंग पुनिया, लवलीना बोरगोहेन और पुरुषों की राष्ट्रीय हॉकी टीम को सम्मानित किया। 

इस अवसर पर पदक विजेताओं को सम्मानित करने वालों में शामिल थे- केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री श्री किरेन रिजिजू; युवा कार्य और खेल राज्य मंत्री श्री निसिथ प्रमाणिक; खेल-सचिव श्री रवि मित्तल और भारतीय खेल प्राधिकरण के महानिदेशक श्री संदीप प्रधान।

स्वर्ण पदक विजेता नीरज; रजत पदक विजेता रवि; कांस्य पदक विजेता बजरंग, लवलीना और मनप्रीत कल रात टोक्यो, 2020 के समापन समारोह में शामिल होकर आज भारत लौटे। भव्य अभिनंदन के दौरान अन्य पदक विजेता मीराबाई और सिंधु भी कार्यक्रम में शामिल हुईं।

केन्द्रीय खेल मंत्री श्री अनुराग ठाकुर ने कहा, “टोक्यो ओलंपिक, 2020 में भारत के लिए कई चीज़ें पहली बार हुईं हैं। ओलम्पिक में टीम इंडिया की सफलता इस बात का प्रतिबिंब है कि कैसे न्यू इंडिया दुनिया में- यहां तक कि खेल में भी एक प्रमुख शक्ति के रूप में उभरने की इच्छा और आकांक्षा रखता है। ओलंपिक खेलों ने हमें दिखाया है कि आत्म-अनुशासन और समर्पण से हम चैंपियन बन सकते हैं।

टीम इंडिया ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया और हमें प्रेरित किया,  जबकि देशवासियों ने खुशी मनाई और उत्सव मनाया। वास्तव में खेलों में लोगों को एक सूत्र में बांधने की शक्ति होती है, क्योंकि हमारे एथलीट गांवों और शहरों, देश के उत्तर से दक्षिण तथा पूर्व से पश्चिम भाग से आते हैं। उनकी यात्रा सहनीयता और खेल उत्कृष्टता की एक अविश्वसनीय कहानी है।”                 

खेल मंत्री ने आगे कहा कि इस बार के ओलंपिक खेलों में कई चीजें पहली बार हुई हैं, जैसे 128 सदस्यीय भारतीय दल, 7 ओलंपिक पदक, एथलेटिक्स स्पर्धा में हमारा पहला ओलंपिक स्वर्ण पदक, पीवी सिंधु का दो ओलंपिक खेलों में लगातार दो पदक जीतना, 41 साल के अंतराल के बाद हॉकी में भारतीय पुरुष टीम द्वारा एक पदक (कांस्य) जीतना और महिला हॉकी टीम का सेमीफाइनल में ऐतिहासिक प्रवेश ।  

हमारे पास ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाली भारत की पहली महिला नाविक नेत्रा कुमानन भी थीं, ओलंपिक में जगह बनाने वाली भारत की पहली भारतीय तलवारबाज़- भवानी देवी, घुड़सवारी स्पर्धा में एक भारतीय फ़वाद मिर्ज़ा द्वारा सर्वश्रेष्ठ स्थान हासिल किया गया, नौकायन से जुड़े भारतीय खिलाड़ियों द्वारा अब तक सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन, अदिति अशोक द्वारा गोल्फ में किसी भारतीय द्वारा सर्वोच्च स्थान हासिल करना और अविनाश साबले द्वारा पैदल चालन स्पर्धा में एक राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाते हुए सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया गया था। 

मैं यहां यह भी जोड़ना चाहूंगा कि भारत में खेलों की नींव मज़बूत है; प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में विभिन्न योजनाओं जैसे लक्ष्य ओलंपिक पोडियम योजना (टॉप्स) और खेलो इंडिया अभियान ने पोडियम फिनिश सुनिश्चित करने की दिशा में सकारात्मक परिणाम दिखाए हैं। खेल मंत्री ने ज़ोर देकर कहा कि हम अपने खिलाड़ियों का समर्थन करना जारी रखेंगे और हम भारत को एक खेल महाशक्ति बनाने का मज़बूती से प्रयास करेंगे।

श्री किरेन रिजिजू ने सभी एथलीटों के प्रदर्शन की प्रशंसा की और इस बात को दोहराया कि 2028 के ओलंपिक तक भारत खेल के क्षेत्र में एक ताकत बन जाएगा। श्री रिजिजू ने कहा, “आज अपने चैंपियन एथलीटों के साथ इस स्थान पर खड़े होकर मैं कितना रोमांचित हूं, उसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। यह एक ऐतिहासिक घटना है जिसमें भारत ने ओलंपिक में अब तक का अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है। हमारे पास गर्व करने के लिए बहुत कुछ है। 

हमारे पास 41 साल बाद हॉकी में पदक और एथलेटिक्स में पहला स्वर्ण पदक है। सिर्फ हमारे पदक विजेता ही नहीं, बल्कि प्रत्येक एथलीट ने टोक्यो में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है। मैं उन सभी को बधाई देता हूं। यह सिर्फ शुरुआत है क्योंकि खेल के क्षेत्र में भारत का पुनरुत्थान अब दिखाई देने लगा है और मुझे विश्वास है कि 2028 के ओलंपिक तक भारत एक ताकत बन जाएगा।”

श्री निसिथ प्रमाणिक ने टोक्यो ओलंपिक में भारतीय एथलीटों के प्रदर्शन की सराहना की और कहा कि आपने भारत को गौरवान्वित किया है। सभी पदक विजेताओं को बधाई देते हुए, श्री प्रमाणिक ने कहा कि भारतीय दल ने टोक्यो ओलंपिक में 7 पदक जीते हैं, जोकि भारत द्वारा अब तक के किसी भी ओलंपिक में जीते गए पदकों में सबसे अधिक है। यह एक ऐतिहासिक और यादगार कार्यक्रम है, जो आने वाली पीढ़ी के लिए प्रतिस्पर्धी खेलों को अपनाने और भारत को गौरवान्वित करने के लिए प्रेरणा का एक बड़ा स्रोत बनेगा।   

भारत ने टोक्यो ओलंपिक 2020 में कई ‘नयी’उपलब्धियां हासिल कीं, जिनकी शुरुआत नीरज चोपड़ा से हुई। नीरज चोपड़ा ने पुरुषों की भाला फेंक स्पर्धा के फाइनल में 87.58 मीटर की दूरी पर भाला फेंकने के साथ एथलेटिक्स में भारत के लिए ऐतिहासिक स्वर्ण पदक जीता। यह न केवल ओलंपिक में एथलेटिक्स में स्वतंत्र भारत का पहला स्वर्ण है, बल्कि एथलेटिक्स में किसी भारतीय द्वारा जीता गया अब तक का एकमात्र पदक भी है।

बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु लगातार दो ओलंपिक पदक जीतने वाली भारत की एकमात्र महिला खिलाड़ी बनीं। उन्होंने रियो ओलंपिक 2016 में रजत पदक जीता था और टोक्यो ओलंपिक 2020 में कांस्य पदक अपने नाम किया। मीराबाई चानू, कर्णम मल्लेश्वरी के बाद देश की दूसरी भारोत्तोलन पदक विजेता और रजत पदक जीतने वाली पहली भारोत्तोलक बनीं।

इस बीच, भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने मॉस्को ओलंपिक 1980 में अपने स्वर्ण पदक के बाद ओलंपिक में हॉकी में अपना पहला पदक जीता, जबकि भारत की महिला हॉकी टीम ने भी पहली बार ओलंपिक के सेमीफाइनल में प्रवेश किया। टोक्यो ओलंपिक में भारत के रिकॉर्ड 128 खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया और इस बार भारत ने किसी भी ओलंपिक से ज्यादा पदक जीते। टोक्यो ओलंपिक में भारत ने एक स्वर्ण, दो रजत और चार कांस्य के साथ रिकॉर्ड सात पदक जीते। 

रवि कुमार दहिया ओलंपिक में रजत पदक जीतने वाले देश के दूसरे पहलवान बने, जबकि लवलीना बोरगोहेन महान मुक्केबाज मैरी कॉम के बाद मुक्केबाजी में दूसरी महिला ओलंपिक कांस्य पदक विजेता और ओलंपिक पदक जीतने वाली अब तक की तीसरी भारतीय मुक्केबाज बन गईं। इस बार के ओलंपिक खेलों में भारत की नयी उपलब्धियां भवानी देवी, नेत्रा कुमानन और अदिति अशोक से भी संबंधित थीं। जहां भवानी ओलंपिक खेलों में तलवारबाजी शामिल किए जाने के बाद से, ओलंपिक में प्रतिस्पर्धा करने वाली भारत की एकमात्र तलवारबाज बनीं, नेत्रा ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाली भारत की पहली महिला नाविक बनीं। इस बीच, अदिति अशोक, गोल्फ में चौथे स्थान पर रहीं और ओलंपिक में इस खेल स्पर्धा में सर्वोच्च स्थान हासिल करने वाली भारतीय बनीं।

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बिहार सीनियर अंतर जिला क्रिकेट टूर्नामेंट (हेमन ट्रॉफी) में नालंदा ने शेखपुरा को करारी शिकस्त दी, 225 रनों के बड़े अंतर से हराया

बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के तत्वावधान में आयोजित बिहार सीनियर अंतर जिला क्रिकेट टूर्नामेंट (हेमन ट्रॉफी) में नालंदा की टीम ने शेखपुरा को करारी शिकस्त दी। एकंरगडीह में खेले गए मुकाबले में नालंदा ने शेखपुरा को 225 रनों के अंतर से हराया।

टॉस जीतकर नालंदा ने पहले बल्लेबाजी करने का निर्णय लिया। नालंदा ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 50 ओवर में 8 विकेट खोकर 434 रन का विशाल स्कोर बनाया। नालंदा की ओर से पांच खिलाड़ियों ने अर्धशतक बनाये। अर्णव किशोर ने 49 गेंद में 9 चौके एंव 6 छक्के की मदद से 86 रन बनाये, मुन्ना ने 11 चौके 2 छक्के 85 रन, कुंदन ने 6 चौके 4 छक्के से 67 रन, अंकित राज ने 33 गेंद में 5 चौके 3 छक्के से 57 रन, विकेटकीपर कुश कुमार 5 चौके 4 छक्के 4 की मदद से 64 रन और सिद्धार्थ ने 23 रन बनाये। शेखपुरा की ओर से नवाज़ खान ने 9 ओवर में 69 रन देकर 3 विकेट लिए, सूरज विजय ने 8 ओवर में 64 रन देकर 3 विकेट विकेट लिए, अमरजीत ने दो विकेट लिए।

जवाब में खेलने उतरी शेखपुरा की पूरी टीम मात्र 179 रन ही बना पायी। शेखपुरा की ओर से जतिन ने 70 रन, सचिन 26 रन, राहुल 25 रन और अमरजीत ने 19 रन बनाये। नालंदा की ओर से सुमन सौरव ने 6 ओवर में 36 रन देकर 4 विकेट लिए, आदित्य राज ने 9 ओवर में 44 रन देकर 4 विकेट तथा अर्णव ने 10 ओवर में 41 रन देकर एक विकेट लिए। नालंदा के अर्णव किशोर को मैन ऑफ़ द मैच दिया गया।

मैच के दौरान अध्यक्ष शैलेन्द्र कुमार, कोषाध्यक्ष मनोरंजन कुमार, पूर्व सचिव सय्यद मोहम्मद जावेद इक़बाल, क्लब प्रतिनिधि गोपाल सिंह, मीडिया कमिटी चेरमैन शांतोष पांडेय, विजय प्रकाश उर्फ़ पिन्नु जी, अम्पायर परवेज़ मुस्तफा, दीपक कुमार, बिक्रम सोलंकी, क्षितिज, गौतम इत्यादि मौजूद रहे।

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Moin-ul-Haq Stadium में अब जल्द होगा इंटरनेशनल मैच, बीसीए ने स्टेडियम को लेकर बनाया मास्टर प्लान, 40 से 50 हजार दर्शक बैठकर देख सकेंगे मैच

बिहार में जर्जर पड़ी मोइनुल हक स्टेडियम अब पूरी तरह से बदलने वाला है। मोइनुल हक स्टेडियम (Moin-ul-Haq Stadium) को शानदार बनाने के लिए रोडमैप तैयार कर लिया गया है। बिहार क्रिकेट एसोसिएशन ने मोइनुल हक स्टेडियम को नए सिरे से बनाने में जुट गया है। इसमें करीब 40 से 50 हजार दर्शकों को बैठने का इंतजाम किया जाएगा। मैदान पर कैंटीन, पांच सितारा होटल जैसे कमरों की सुविधा के साथ खिलाड़ियों के लिए दो विकेट और दिन-रात में इनडोर-आउटडोर अभ्यास की सुविधा होगी।

पिछले महीने ही बिहार क्रिकेट एसोसिएशन ने सरकार से मोइनुल हक स्टेडियम को लंबे समय के लिए लीज पर ले लिया है। जिसके बाद अब बीसीए बीसीसीआई के साथ मिलकर इस स्टेडियम का कायाकल्प करने की तैयारी में है। लोकसभा चुनाव होने के बाद समझौते के कागजातों पर हस्ताक्षर किया जाएगा।

40 से 50 हजार दर्शकों की क्षमता रहेगी इस स्टेडियम में
क्रिकेट कॉम्प्लेक्स परिसर में सबसे उन्नत तकनीक वाला क्लब हाउस, कॉर्पोरेट बॉक्स और हॉस्पिटैलिटी लाउंज होगा। मुख्य स्टेडियम में बीसीसीआई अध्यक्ष/सेक्रेटरी बॉक्स, मेम्बर्स गैलरी, जनरल गैलरी और 40 से 50 हजार दर्शकों के बैठने के लिए स्टैंड्स होंगे। इसके अलावा कैंटीन और पांच सितारा सुविधाओं वाले 50 से 60 कमरे भी होंगे।

मिलेगी यह सुविधाएं
मोइनुल हक स्टेडियम में घरेलू और बाहरी दोनों टीमों के लिए ड्रेसिंग रूम, फिजियो मसाज रूम, मनोरंजन और रिफ्रेशमेंट के लिए भी जगह रहेगी। इसके अलावा इनडोर क्रिकेट प्रैक्टिस एरीना, स्विमिंग पूल, दिन और रात में आउटडोर प्रैक्टिस की सुविधा रहेगी। इसके अलावा ड्रेनेज सिस्टम और पानी स्टोरेज करने का सिस्टम भी होगा। इसमें पर्याप्त जल व्यवस्था, आसानी से प्रवेश और निकास के लिए गेट होंगे।

बीसीए अध्यक्ष ने बीसीसीआई सहित बिहार के मुख्यमंत्री की तारीफ की
बीसीए अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी ने बताया कि मैदान के निर्माण के लिए इंजीनियरों, ठीकेदारों और विशेषज्ञों के अलावा आइसीसी और बीसीसीआइ के प्रतिनिधियों और सलाहकारों से परामर्श लिया जाएगा। उन्होंने बिहार सरकार और खासकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, विजय सिन्हा सहित कैबिनेट सदस्यों को भी धन्यवाद दिया और बीसीसीआई की भी जमकर तारीफ की।

बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश तिवारी ने कहा ” नये क्रिकेट कॉम्प्लेक्स से बिहार की क्रिकेट बिरादरी और आम जनता को भी लाभ होगा और वे अपने यहां अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच देखने से वंचित नहीं रहेंगे।”

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बिहार बाल भवन, पटना में लगोरी के खेल का किया गया प्रमोशन

बिहार के पटना में लगोरी खेल (पिट्टो) का बढ़ावा देने के लिए 23 अप्रैल को बिहार बाल भवन, सैदपुर रोड, नया टोला, राजेंद्र नगर पटना के प्रांगण में देश का प्राचीन खेल लगोरी खेल का प्रोमोशन किया गया है। उपरोक्त विषयक आग्रह है कि भारत के प्राचीन खेल व ऐतिहासिक खेल लगोरी जिसका संचालन राज्य में लगोरी ऐसोसिएशन ऑफ बिहार के द्वारा किया जा रहा है।

इस खेल को वर्ष 2023 मे भारत सरकार तथा ओलंपिक एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने मान्यता प्रदान करते हुए गोवा में आयोजित 37वें राष्ट्रीय खेल में शामिल किया है। देश के इस पारंपरिक खेल को 5 हजार वर्ष भगवान श्रीकृष्ण अपने साथियों के साथ खेला करते थे। प्रमाण अपने श्रीमद्भागवत पुराण अन्य धर्मग्रंथों में मिलता है।

इस खेल का जिले में प्रचार प्रसार हेतु पटना जिला लगोरी संघ के द्वारा किलकारी बिहार बाल भवन, पटना के बच्चों के बीच प्रमोशन तथा प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया है। जिससे ज्यादा से ज्यादा बच्चें इस खेल से लाभान्वित हो सके। ‌इस कार्यक्रम में सचिव रंजीत राज, खेल प्रतिनिधि सुजल कुमार, सृष्टि कुमारी आदि मौजूद रहे।

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Yuzvendra Chahal ने रचा इतिहास, IPL में ऐसा करने वाले पहले गेंदबाज बने, विकटों का लगाया दोहरा शतक

भारत और राजस्थान रॉयल्स के लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल (Yuzvendra Chahal) ने सोमवार को इंडियन प्रीमियर लीग में 200 विकेट पूरे करने वाला पहला गेंदबाज बनकर इतिहास रच दिया।दाएं हाथ के इस लेग स्पिनर ने यहां सवाई मानसिंह स्टेडियम में राजस्थान रॉयल्स और मुंबई इंडियंस के बीच आईपीएल मुकाबले की पहली पारी के दौरान अफगानिस्तान के बल्लेबाज मोहम्मद नबी को आउट कर यह उपलब्धि हासिल की। चहल ने अपनी ही गेंद पर नबी का कैच लपका।

2013 में किया डेब्यू
चहल ने आईपीएल 2013 में डेब्य किया था। अब तक वह 153 मैच खेल चुके हैं। इनकी 152 पारियों में उन्होंने अपनी घातक गेंदबाजी से 200 विकेट हासिल किए हैं। उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 40 रन देकर पांच विकेट हासिल करना रहा है। वह 7.71 के इकोनॉमी रेट से रन खर्च करते हैं। चहल अब तक मुंबई इंडियंस और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर सहित तीन टीमों के लिए खेल चुके हैं।चहल पिछले साल चेन्नई सुपर किंग्स के पूर्व गेंदबाज ड्वेन ब्रावो (161 मैचों में 183 विकेट) को पीछे छोड़कर आईपीएल के सबसे सफल गेंदबाज बने थे।

आईपीएल में ऐसा करने वाले पहले गेंदबाज
50 विकेट: आरपी सिंह (12 अप्रैल 2010)
100 विकेट: लसिथ मलिंगा (18 मई 2013)
150 विकेट: लसिथ मलिंगा (6 मई 2017)
200 विकेट: युजवेंद्र चहल (22 अप्रैल 2024)

युजवेंद्र चहल टी20 इंटरनेशनल मैचों में सबसे अधिक विकेट लेने वाले भारतीय हैं। उन्होंने 80 टी20 इंटरनेशनल मैचों में 96 विकेट लिए हैं। इस लिस्ट में दूसरे भारतीय भुवनेश्वर कुमार हैं, जिनके नाम 90 विकेट दर्ज हैं। वर्ल्ड क्रिकेट की बात करें तो इस मामले में न्यूजीलैंड के टिम साउदी नंबर-1 हैं। उन्होंने 123 मैच में 157 विकेट झटके हैं।

दिलचस्प बात यह है कि युजवेंद्र चहल को टी20 क्रिकेट का स्पेशलिस्ट गेंदबाज माना जाता है। युजी के आंकड़े इस बात की गवाही भी देते हैं कि उन्हें जब-जब मौका मिला है, तो वह उम्मीद पर खरे उतरे हैं। इसके बावजूद युजी को टी20 वर्ल्ड कप में एक भी मैच खेलने का मौका नहीं मिला है। उन्हें 2022 में हुए टी20 वर्ल्ड कप के लिए भारतीय टीम में शामिल भी किया गया था, लेकिन प्लेइंग इलेवन में जगह नहीं मिली। अब देखना है कि युजी को जून में होने वाले टी20 वर्ल्ड कप में खेलने का मौका मिलता है या नहीं।

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